रामगढ़ - एक ऐसा गांव है जहाँ के रहने वालों को कानून की शरण में जाने की जरूरत महसूस नहीं होती क्योंकि सभी झगड़ों को फैसला रामगढ़ का नेक दिल और इन्साफ पसंद ठाकुर विक्रम सिंह कर देता है; और लोग उसके फैसलों पर फूल चढ़ाते है, ठीक ठाकुर के ही स्वभाव की हैं उसकी उसकी पत्नी कौसल्या - ठाकूर विक्रमसिंह का एक वफादार नौकर हैं रघु। रघु का बेटा अजय और ठाकुमर - ठकुराईन का बेटा विजय हम उम्र हैं और दोनों में बहुत प्यार है। गांव रामगढ़ में हर तरह की खुशहाली होने के बावजूद भी एक बुराई है और उस बुराई का नाम है - बशीरा - सभी तरह के गैर कानूनी काम करना उसके खून में शुमार है - बशीरा की बुरी नजर ठकुराईन पर शुरू से ही है और एक मौके का फायदा उठाकर बशीरा ठाकुर की हवेली में घुस कर ठकुराईन की इज्जत से खेलने की कोशिश करता है - लेकिन ऐन वक्त पर रघु आ जाता है और अपनी जान पर खेल के ठकुराईन की इज्जत बचाता है कानून बशीरा को रघू के कत्ल करने के जुर्म में सजाये मौत का हुक्म सुनाता है - उधर ठकुराईन रघु के मरने के बाद उसके बेटे अजय को अपने घर ले आती है - अजय और विजय एक ही छत के निचे पलते है - दोनों ही ठकुराईन के प्यार की पीगो के सहारे जवान हो जाते हैं - और जवानी में कदम रखते ही दोनों के दोनों वही हुआ अक्सर जवानी में होता है - मोहब्बत - जी हाँ - मोहब्बत और वो भी एकदम निराला - क्योंकि दोनों की जिन्दगी में एक ही लड़की आ जाती है - "पूजा"।
लेकिन पूजा किसे प्यार करती है? पूजा की शादी किससे हुई? अजय-विजय ने एक दूसरे के लिये क्या क्या हथकडे अपनाये? ठकुराईन ने अपना फर्ज कैसे निभाया? इन सभी सवालों का जवाब पाने के लिये देखिये प्यार और भावनाओं से भरी "मोहब्बत की कसम"।
(From the official press booklet)