indian cinema heritage foundation

Man Mauji (1962)

Subscribe to read full article

This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.

Subscribe now

Not ready for a full subscription?

You can access this article for $2, and have it saved to your account for one year.

Pay Now
  • LanguageHindi
Share
24 views

राजा बचपन से ही गप्पी था-दिल का सोना और ज़बान का झूठा। बचपन में माँ के इलाज के लिये दवा की चोरी के सिलसिले में उसे बच्चों के "सुधार घर" में जाना पड़ा। जब उसकी सज़ा खत्म हुई तो वो एक अलबेला नौजवान था... माँ उस दौरान में मर चुकी थी और उसकी इकलौती बहन लक्ष्मी को गाँव के अध्यापक ने किसी अनाथालय में दाखिल करा दिया था... अब राजा की ज़िन्दगी का एक ही मक़सद था... बहन की तलाश... लेकिन कौशिशों के बावजूद लक्ष्मी उसे न मिल सकी। इस दौरान में उसने बेकारी से तंग आकर शहर के एक कंजूस रईस, रायसाहब भोलाराम, के यहाँ सिर्फ रोटी कपड़े के एवज़ाने पर नौकरी कर ली-और यहीं उसकी मुलाक़ात रानी से हुई-रानी सब्ज़ी तरकारी बेचकर अपना घर चलाती थी। राजा और रानी एक दूसरे से प्यार करने लगे।

एक दिन राजा को पता चला कि लक्ष्मी कमलाबाई अनाथालय में है। वो उसे वहाँ मिलने गया बचपन के बिछड़े हुए बहन भाई मिले। लक्ष्मी को कौलेज की पढ़ाई का शौक़ था-राजा ने लक्ष्मी के लिये 300 रू. भेजने का वायदा कर लिया। अपनी बहन की इज़्जत बचाने के लिये उसे रायसाहब के घर चोरी करनी पड़ी-राज़ फाश हो गया और राजा को सज़ा हो गई-जब रानी को पता चला कि उसका प्रेमी चोर था, तो उसका दिल टूट गया। इधर लक्ष्मी बदनामी से घबराकर अनाथालय छोड़ कर चली गई।

सज़ा ख़त्म होने के बाद जब राजा लौटा तो मजबूरन उसे एक डाक्टर के यहाँ ड्राइवर की नौकरी करनी पड़ी, लेकिन वहाँ आकर उसे पता चला कि उसी डाक्टर से लक्ष्मी की शादी होने वाली है- और फिर एक बार राजा ज़िन्दगी के दोराहे पर खड़ा था- बहन की खुशी के लिये उसने वो नौकरी छोड़ दी...

उसके बाद के दिलचस्प वाक़यात आप रुपेरी पर्दे पर देखिये...

(From the official press booklets)

Cast

Crew

  • Banner
    AVM Prod, Madras
  • Director
    NA