indian cinema heritage foundation

Gouri Shankar (1958)

Subscribe to read full article

This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.

Subscribe now

Not ready for a full subscription?

You can access this article for $2 + GST, and have it saved to your account for one year.

Pay Now
  • Release Date1958
  • FormatB-W
  • LanguageHindi
  • Run Time150 min
  • Shooting LocationMazdoor Kala Mandir (Bombay) & Prabhat Studio (Poona)
Share
44 views

युग युग से नर ने नारी को अबला माना है। “गौरी शंकर” चित्र की कथा इस मान्यता की अस्वीकृति है।

एक समय, राक्षसों के स्वामी शुम्भ और निशुम्भ ने ब्रह्मा की कठोर तपस्या करके वरदान प्राप्त किया। वर पाकर वे त्रिभुवन को सताने लगे।

मुनिराज नारद ने उनके विनाश का उपाय सोचा और कैलाश पर्वत पर आये, परन्तु यहाँ पार्वतीदेवी आँसू बहा रही थीं, शंकर रुँठकर तपस्या करने चले गये थे।

एक भीलनी ने नाच गाकर शंकर की समाधि तोड़ने का प्रयत्न किया, परन्तु-?

नारद मुनि के बहकाने पर शुम्भ-निशुम्भ ने अंधकासुर को देवी पार्वती को चुराने के लिये कैलाश भेजा उसने चुरा तो लिया लेकिन उसे बीच ही में टकराना पड़ा।

अंधकासुर का पुत्र आदि भी अपनी चालों में सफल न हो सका। यह शुम्भ-निशुम्भ की पराजय थी। वे भड़क उठे। स्वर्ग पर आक्रमण किया। देवता हार गये। राक्षसों ने फिर हाहाकार मचा दिया। तभी आदिशक्ति ने भयंकर रूप धारण करके उनके नाश किया। परन्तु, यह आदिशक्ति कौन थी?

आइये, “गौरी शंकर” चित्र देखकर इस समस्या को सुलझाइये।

[From the official press booklet]
 

Cast

Crew