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Dr Shaitan (1960)

  • Release Date1960
  • FormatB-W
  • LanguageHindi
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"शन्ति सर्वोपरे"

संसार का अस्तित्व शान्ति पर निर्भर है। अगर कभी किसी शख्स या कौम या देश ने शान्ति को भंग कर जंग को प्रसव दिया, तो इस वैज्ञानिक युग में मानवता नष्ट हो कर नहीं के बराबर रह जायेगी।

"शान्ति" के उद्देश्य को परिपूर्ण करता हुआ "डॉ. शैतान" प्रारंभ होता है।

अशोक हिन्दुस्तान का एक ख्याति प्राप्त ऐटोमिक रिसर्च डाक्टर है, उसने संसार के महान वैज्ञानिकों के समक्ष कसम खाई है कि शान्ति कायम रखने के लिये, वह अपना सर्वस्व निछावर कर देगा।

दूसरी ओर एक शैतान डाक्टर के हाथ में एटोमिक ताकत आ जाती है। वह उस ताकत के प्रभाव में अन्धा है। दुनिया को तबाह करने पर तुल जाता है।

वह शैतान डाक्टर एटोमिक ताकात से मरे आदमी जिन्दा करता है। वो एटोमिक आदमी किसी प्रकार भी नहीं मरते है। गांलियां उन पर असर नहीं करती। वह शैतान उन आदिमियों से लूट मार, खून खराबी करता है। उन आदमियों पर पुलिस काबू नहीं पा सकती है।

शैतान की ताकत इतनी बढ़ जाती है कि वह एटोमिक ताकत से इन्सानियत को खत्म करने पर तुल जाता है।

और सारा संसार उसकी ताकत से तबाह होने लगता है।

डॉ. अशोक शैतान को खत्म करने के लिए कमर कस लेता है।

शैतान, अपनी जिन्दगी खतरे में देख बौखला उठता है। वह अपना अखिरी हथियार फेंकता है।

सामान टूट कर गिरने लगता है। शहर के शहर तबाह होते जा रहे हैं- सारे संसार को अस्तित्व, खतरे में पड़ जाता है।

इसी समय डॉ. अशोक बड़ी मुश्किल से शैतान को मारने में कामयाब होता हैं।

दुनिया तबाही से बचती है, सब लोग डॉ. अशोक की जय जयकार करते हैं।

डॉ. शैतान की तरह जो शख्स या कौम एटोमिक ताकत से नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करेगा एक न एक दिन खत्म हो जायेगा।

(From the official press booklet)