indian cinema heritage foundation

Vishwatma (1992)

Subscribe to read full article

This article is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid articles and features on the website with this subscription.

Subscribe now

Not ready for a full subscription?

You can access this article for $2 + GST, and have it saved to your account for one year.

Pay Now
  • Release Date24/01/1992
  • LanguageHindi
Share
20 views

इस ब्रह्नाण्ड का एक अंश है यह संसार ये धरती, ये धरा, ये पृथ्वी, इसमें जीवनदाता, पालन कर्ता और संधारकर्ता को भगवान, ईश्वर, परमात्मा या विश्वात्मा कहते है। पर हमारी ये कहानी इस ईश्वर या भगवान की नहीं, इस विश्व में आई हुई उन आत्माओं की है जो परमात्मा का एक अंश है- और वो अंश जीवात्मा का रूप लेकर धरती पर, आता है तो मनुष्य कहलाता है। जो मनुष्य अपने जीवन के उद्देश्य को, अपने लक्ष्य को नहीं जानता और उस तक नहीं पहुँच पाता वो एक साधारण इन्सान बनकर रह जाता है लेकिन जिस इन्सान को अपने लक्ष्य और उद्देश्य का ज्ञान हो जाता है और उसे पाने के लिये वो जीवन और मृत्यु को कोई महत्व नहीं देता वो आत्मा एक साधारण मनुष्य से ऊंचा उठकर बन जाती है "विश्वात्मा"...

इंस्पे. प्रभात सिंह (सनी देवल) विश्वात्मा का विकराल रूप धारण करके आतंक और देशद्रोही का दमन कर रहा था- कि उसको देशद्राहियों के बिछाये हुए जाल में फंसकर अपने छोटे भाई की जान और पुलिस कि नौकरी से हाथ धोना पड़ा - आतंक बढ़ता गया - न्याय और कानून की हद सिकुड़ती गयी फिर कानून के रखवालों ने प्रभात को उसके बयावान से ढूंढ निकाला - जहाँ वो गुमनामी की ज़िन्दगी बिता रहा था और उसे मजबूर किया गया कि वो किनिया जाकर अजगर जोर्राट (अमरीश पुरी) को ज़िन्दा पकड़कर भारत लाये उसके साथ आकाश भारद्वाज (चंकी पाण्डे) को भी जाना पड़ा अपने भाईयों के कातिलों के टोह में - अेक भाई जिसकी शादी रेणुका (सोनम) के बहन से हुअी थी - रेणुका भी किनीया पहुँचती है - इन दोनों के सहारे अजगर तक पहुँचने के लिये-पर इन सबके पीछे पहुँचती है - कुसुम (दिव्या भारती) अपने प्रेमी प्रभात के साथ जीने मरने के लिये प्रभात और आकाश ये दोनो जियाले किनीया पहुँचते हैं और वहां उनका साथ देने के लिये भारत के नाम पर मर मिटनेवाला इन्स्पे. सूर्यप्रताप (नसीरुद्दीन शाह) इन्तजार कर रहा है - लेकिन अजगर तोर्राट के खोरापती साजिशों का नतीजा ये हुआ कि सूर्यप्रताप उन दोनो का साथ देने के बज़ाय दुश्मन बन बैठा - जबकि अजगर जोर्राट की इकलौती बेटी सोनिया (ज्योत्स्ना सिंग) आकाश को अपना दिल दे बैठती है- उधर सूर्यप्रताप आकाश और प्रताप को गिरफ़तार करके वापस भारत भेज देता है। पर रेणुका सूर्यप्रताप की आँखों पर लगी हुअी अजगर जोर्राट की शराफत की पट्टी को हटा देती है- क्या प्रभात और आकाश फिर भारत से किनीया पहुँचते है अजगर से बदला लेने के लिये? क्या, जीत इन तीन आत्माओं की होती है जिसमें विश्वात्मा ने अपनी आत्मा को डालकर पृथ्वी पर भेजा था, ये विश्वात्मा देखने के बाद आपको पता चलेगा।

(From the official press booklet)

Cast

Crew