रवि एक वकील है और सच का पुजारी, इसलिये उसका धंदा नहीं चलता। उसकी बड़ी बहन शशी घर का खर्चा चलाती है और उसे शराब और जेब-खर्च देती है। एक दिन रवि और उसकी मां चैंक उठते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि शशी गर्भवती है और अपने प्रेमी पूलिस-इंसपैक्टर रण्बीर सिंह से शादी के लिये भी तैयार नहीं क्योंकि सिवाये उसके घर का बोझ उठाने वाला कोई नहीं शादी मुमकिन करने के लिये रवि कोई भी केस लेने को तैयार हो जाता है। उसे केस मिलता है होटलों में गीत गाने वाली लड़की शैला का। शैला चाहती है कि रवि उसके गुमशुदा भाई अविनाश को मि राने. एम पी से बचाये। जैसे रवि केस की गहरायी में उतरता है। उसका सामना हैरतनाक हक़ीक़तों से होता है। ऐसी हक़ीक़तें जो उसके घर को बरबाद कर सकती है। रवि अपने आपको ऐसे दोराहे पर पाता है जहां उसकी सच्चाई भी नीलाम होती नज़र आती है। इस इम्तिहान से वह कैसे निकल पाया ये बाकी कहानी है।
(From the official press booklet)