दौलत और हकुमत की शान का नशा इन्सान को अन्धा बना देता है। इसी नशे में बदमस्त होकर कल्याणपुर के छोटे ठाकुर ने अपने बड़े भाई का खून करवा दिया था। इस वारदात में ठाकुर के साथ एक नाचनेवाली तारा भी शामिल थी।
रिआया के दिखावे के लिये ठाकुर ने मकतूल के इकलौते बच्चे कुमार की परवरीश अपने जिम्मे ले ली, मगर बच्चे की बेवा मां को महल से यह धमकी देकर निकाल दिया कि अगर वह महल छोड़कर न गई तो उसके बच्चे को भी मार दिया जायगा।
बीस साल के बाद कुमार तालीम पूरी करके कल्याणपुर लौटा, तो महल में उसकी मुलाकात एक पागल लड़की निर्मला से हुई।
यह लड़की तारा की बेटी थी। ठाकुर और तारा ने यह फैसला कर रखा था कि निर्मला की शादी कुमार से कर दी जाये ताकि कुमार उनके पंजे में ही रहे।
कुमार पागल निर्मला से एक ही दिन में उकता गया और सगाई के दिन ठाकुर की पुरानी मोटर लेकर भाग निकला, लेकिन नटराज कला भवन के सामने मोटर पंचर हो गई।
कुमार बचाव के लिये कला भवन में घुस गया। लड़कियां शोर मचाने ही को थीं मगर कुमार ने कुछ इस लहजे में पागल निर्मला से बचकर भागने का किससा सुनाया के गीता को तरस आ गया और उसने कुमार का भेष बदलवा कर उसे बाहर निकाल दिया।
गीता कलाभवन की सबसे ज्यादा खूबसूरत लड़की थी। खुद ठाकुर गीता पर नजर रखता था। गीता के बाप को ठाकुर ने कैद में डाल रखा था, और गीता की खातिर कला भवन का सब खर्च बरदाश्त करता था।
कलाभवन की सब लड़कियां सफर पर जा रही थीं। कुमार ने भी मोटर दुरस्त करके गीता का पीछा करना शुरु कर दिया। कुमार की शरारत से दूसरी लड़कियों से बिझड़ गई। लाचार उसे कुमार के साथ पुरानी मोटर में जाना पड़ा। उजाड़ जंगल में मोटर फिर बिगड़ गई। रात का अंधेरा बढ़ने लगा, और बारिश भी शुरू हो गई। सर छुपाने के लिये दोनों को एक बुढ़िया का झोपड़ा मिला। यह बुढ़िया कुमार की मां थी।
ठाकुर को गीता के लापता हो जाने की खबर मिल चुकी थी और वह गीता की तलाश में था। पुरानी मोटर से पता मिल गया, के गीता और कुमार इकट्ठे हैं।
कुमार और गीता दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे मगर ठाकुर दीवार बनकर दोनेां की मोहब्बत के दरम्यान आन खड़ा हुआ........
गीता किसकी बेटी थी? इसके बाप को क्यों कैद किया था? ठाकुर और तारा के पाप का भांडा किसने फोड़ा? और किस शान से कुमार ने अपने बाप का बदला लिया?
इन सवालात का जवाब पर्दे पर देखिये।
(From the official press booklet)