सत्य और धर्म की रक्षा एवं स्थापना के लिये भगवान राम का अवतार हुआ। कष्ट में अडिग सुख लोभ प्रलोभन से निर्लिस पुरूषोत्तम राम मानव रूप में अवतरित हुये ।
रामायण का अर्थ है राम का मार्ग। सर्वसाधारण के लिये आदर्श मार्ग। रामायण का मार्ग परमार्थ प्राप्त करने का मार्ग है ।
मानव समाज एवं परिवार के लिये राम आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति हैं राम राज्य आदर्श राज्य था जिसकी स्थापना का हम सपना देखते हैं ।
युग युगान्तर से राम ही आदर्श और पुरूषोत्तम पुरूष हैं ।
मानव समाज के कल्याण के लिये महर्षि वाल्मीकि ने अति सुन्दर, सौम्य, सुखकर और सुमधुर रामायण की रचना की ।
राम नाम पारसमणि के समान है, जिसके स्पर्श मात्र से मानव निर्मल हो मोक्ष प्राप्त करता है ।
राज्य समस्या, परिवार समस्या, परस्त्री हरण का परिणाम तथा समाज एवं परिवार की अनेक समस्याओं का समाधान व चित्रण रामायण में प्राप्त होता है ।
राम नाम मधुर है। राम नाम सर्व शक्तिवान है। महर्षि वशिष्ठ द्वारा जिसका नामकरण हुआ, उस राम ने मर्यादा के अनुकूल पुरूषोत्तम राम नाम सिद्ध किया ।
’रा’ शिव शक्ति का और ’म’ विष्णु शक्ति का द्योतक है। एक बार राम का नाम लेने से सहस्त्र गुणा शिव-विष्णु भक्ति का फल प्राप्त होता है ।
महर्षि वाल्मीकि ने राम की दिव्य सुन्दर गाथा, श्रीराम जन्म से राम के राज्याभिषेक तक सम्पूर्ण रूप में, सर्वांग सुन्दर, संगीत मय, सर्वांग रंजनपूर्ण, चरित का चित्रण किया- वही महाकाव्य है श्रीरामायण ।
(From the official press booklet)