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Romeo & Juliet (1947)

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"रोमियो ज्यूलियट" दुनिया की एक ज़बरदस्त ट्रैजिडी है। यह कहानी विरोना के खूबसूरत शहर से शुरू होती है। इस खुशनुमा आबादी में दो मुअज्जिज़ घराने आबाद थे- कपुलेट और मोंटिगू- बरसों से इन खांदानों में दुश्मनी चली आती थी। बात बात पर तलवारें खिच जाती थीं।  मोंटिगू खांदान के एक खूबसूरत नौजवान का नाम "रोमियो" था और कपुलेट खांदान की एक हसीन लड़की का "ज्यूलियट" इत्तफाक़ कहिये या कुदरत की सितम ज़रीफी रोमियो एक दिन ज्यूलियट के घर मेहफिल में शरीक़ होने के लिये जा पहुंचा- उसकी नज़र में इनसानी हुस्न कोई मानी नहीं रखता था, लेकिन ज्यूलियट की खूबसूरती असर दिखाये बगैर न रही और वह अपना दिल उस हसीना की नज़र कर बैठा। ज्यूलियट के चाचाज़ाद भाई "टिबाल्ट" ने रोमियो की नज़र को पहचान लिया और खानदान की गैरत ने इस बात की इजाज़त नहीं दी कि एक दुश्मन का लड़का ज्यूलियट को अपनाये और वह इस टोह में रहने लगा कि कोई ऐसा मौक़ा हाथ लगे जब वह रोमियो से छेड़ कर के उसका खातमा कर दे।

रोमियो और ज्यूलियट की मुहब्बत रंग लाई और उन्होंने खुफ़िया तौर पर शादी कर ली लेकिन तक़दीर में गरदिश लिखी थी टिबाल्ट को मौके की तलाश में था उस चैक में जा पहुंचा जहां रोमियो के दोस्त "मरकिश्यो" और "बेनचोलियो" बैठा करते थे। मरकिश्यो का खून गर्म था और टिबाल्ट का भी, चुनाचिह इन दोनों की छेड़ ने एक खौफ़नाक मनज़र पेश किया। मरकिश्यो और टिबाल्ट की ठन गई और मरकिश्यो मारा गया।

रोमियो को अपने दोस्त की मौत का बहुत सदमा हुआ और वह गुस्से के आलम में टिबाल्ट से बदला लेने के लिये लपका, टिबाल्ट अपनी कामयाबी पर खुश काफी हाऊस में बैठा था, रोमियो ने उसे ललकारा और इस मर्तबा जीत का दाओ रोमियो के हाथ लगा टिबाल्ट मारा गया और विरोना के सुलतान ने रोमियो को जिला वतन कर दिया। ज्यूलियट के लिये यह एक बहुत बड़ा सदमा था उसने यक़ीन नहीं किया कि वह बाहें जो उसके गले का हार बन कर आई थी खूनी तलवार बन गई। बहुत दर्दनाक था वह मनज़र जब रोमियो ने ज्यूलियट को खुदा हाफ़िज कहा और वह "मचुवा" के लिये रवाना हो गया।

इधर नवाब कपूलेट को अपनी बेटी की शादी की फिक्र हुई और उन्होंने नवाब "पारस" से रिश्ता तय कर लिया। ज्यूलियट बहुत परेशान हुई। एक शादी के होते हुये दूसरी शादी किस तरह मुमकिन थी चुनाचेह ज्यूलियट ने पादरी "लारेन्स" से मशवरा लिया, उसने एक ऐसी दवा तजवीज़ की जिसके पी लेने से आदमी अड़तालीस घंटों के लिये इस तरह बेहोश हो जाता था कि जिंदगी के आसार बिलकुल मफकूद हो जाते।

पादरी लारेन्स ने ज्यूलियट को यह दवा पीने को कहा और वायदा किया कि इस दौरान में वह इसकी खबर रोमियो को पहुंचा देगा और जब लोग उसके खानदान के रिवाज के मुताबिक़ उसे पुराने मक़बरे में रख आयेंगे। तो रोमियो वहां पहुंच कर उसे अपने साथ ले जायेगा। ज्यूलियट को यह तजबीज़ बहुत पसंद आई और वह पादरी से दवा लेकर अपने घर आ गई।

क्या ज्यूलियट ने वह दवा पी...... फिर क्या हुआ, क्या रोमियो ज्यूलियट को अपने साथ ले गया, क्या पादरी लारेन्स की तदबीर कामयाब हुई...... इसका अंजाम क्या हुआ?

यह स्क्रीन पर आकर देखिये।

(From the officil press booklet)