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Continueघर संसार का खुशहाल और सुखी गृहस्थ जीवन पती पत्नी की सूझबूझ, प्रेम और सच्चे विश्वास पर निर्भर करता है। जिस घर में यह सब नहीं है वो घर एक नर्म समान बन जाता है। बेऔलाद शाह घनी राम और उसकी घमन्डी पत्नी का घर संसार भी कुछ ऐसा ही है। शाहनी की झूठी शान और हंकार का बोल बाला अपने पती पर तो है ही, वो दूसरों पर भी ज़ुल्म करती है। उसके दिल में किसी के प्रति दया नहीं।
दीपा अपने पिता की मौत और शाहनी के किये जुल्मों का बदला लेने के लिये नर्स बन कर शाहनी के घर में आती है। राजेश जो मन ही मन दीपा से सच्चा प्रेम करता है, वो भी दीपा के पीछे उस घर में आ जाता है। समय पाकर दीपा एक ऐसी चाल चलती है जिससे हंकारी हुई शाहनी का हंकार भरा झूठी शान का महल चकनाचूर हो जाता है।
दीपा ने शाहनी को सबक सिखाने के लिये कौनसी चाल चली?
राजेश ने अपने प्यार को कैसे जीता?
इसका जबाब है “दूज्जा व्याह”।
एक अनोखी परिवारिक फिल्म.....!!
[from the official press booklet]