इस दुनिया में हर तरह के लोग है.... वह भी जो दौलत के लिये अपनी आत्मा तक बेच देते है..... और वह भी जो कभी खुद को दौलत के गुलाम नहीं होने देते।
बहेर हाल दौलत दुनिया की सबसे अहम चीज मानी जाती है, क्योंकि दुनियावी हिसाब से रोझमररा की जिंदगी में कदम कदम पर इसकी जरूरत होती है।
मिलन मुवीज की फिल्म "दौलत" की कहानी युँ शुरू होती है।
वह, एक बहादुर और खूबसूरत नौजवान है। उसे यकीन है कि दौलत का मौजूदा रिवाज गरीबी पैदा करता है। इस बुराई को दूर करने के लिये वह उन लोगों से दौलत बटोरता है जो अमीर है.... और उन लोगों को बाँटता है जो गरीब है। इस उसूली टकराऊ में उसे उन लोगों का सामना करना पड़ता है जो सिर्फ अपने फायदे के लिये हर जाइज और नाजाईज तरीकों से दौलत इकठ्ठी करते है।
वह किस तरह से अपने इरादों में कामयाब होता है..... और दौलत की जजबाती कहानी कैसे खत्म होती है....... इसके लिये "दौलत" देखिये।
(From the official press booklet)