indian cinema heritage foundation

Bitiya Chalal Sasural (1986)

Subscribe to read full article

This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.

Subscribe now

Not ready for a full subscription?

You can access this article for $2, and have it saved to your account for one year.

Pay Now
  • Release Date1986
  • FormatColor
  • LanguageHindi
  • Run Time240 mins
  • Length4601.13
  • Number of Reels16
  • Gauge35mm
  • Censor RatingU
  • Censor Certificate Number7385
  • Certificate Date22/01/1987
  • Shooting LocationLaxmi Studios, Nimeta, Kelanpur, Pipariya, Varanasi
Share
46 views

बेटी की शादी। हर माँ बाप की यही अभिलाषा होती है कि उसकी बेटी को धनाड्य ससुराल मिले, वह खूब सुख भोगे। इसी महत्वकांक्षा के साथ मास्टर रामेश्वर प्रसाद ने अपनी इकलौती लाडली बेटी उषा की शादी एक अमीर घर में कर दी।

अवकाश प्राप्त हेडमास्टर रामेश्वर प्रसाद अपने पुश्तैनी मकान में पत्नी कौशिल्या, पुत्र रतन और बेटी उषा के साथ बहुत ही शान्ती पूर्वक जीवन बिता रहे थे। उषा की शादी धनाड्य परिवार में कर संतोष तथा आनन्द से भर उठे थे रामेश्वर प्रसाद। परन्तु नसीब का खेल कुछ अनोखा ही होता है।

उषा सुरेश की बहू बन कर आई। इससे अमीरी के घमंड में चूर पार्वती देवी को दो लाख का नुकसान हो गया, यह बात हमेशा उन्हें सालती रहती थी। लालची समधिन और उसका आज्ञाकारी बेटा सुरेश, दोनों मिलकर रामेश्वर प्रसाद से रुपये निचोडते रहे। रामेश्वर प्रसाद ने भी बेटी उषा का दामपत्य जीवन सुखी रखने के लिए अपना सब कुछ स्वाहा कर दिया।

उषा की ससुराल में प्यार और सह्वदयता की एक मूर्ती थी, उसकी ननद ज्योती। एक ऐसी औरत जो अपनी भाभी की खातिर अपनी माँ और भाई से भी लड पडती थी।

अमीर घरों के सारे अवगुणों से भरपूर सुरेश, अपने खानदान में चार-पाँच बिबियाँ रखने का संस्कार संजो थे, एक नाचने वाली बिन्दू के मोहपाश में बंधा पडा था। बिन्दू को रिझाये रखने के लिए उसकी माँगे पुरी करने खातिर वह उषा से पत्र लिखवाकर मास्टर रामेश्वर प्रसाद से पैसे मंगवाता। अरे, मेटोडोर जैसी गाड़ी की उसकी मांग भी मास्टर ने अपने पुरखों का घर बेचकर भी पुरी कर दी। वह भी बिन्दू के लिए।

आज अपने इस समाज में नारी के लिए यदि कोई सबसे भयानक दावानल है तो वह है दहेज। दहेज वसूल करने के बहुत से तरीके इस्तेमाल किये जाते है। और इस दावानल में कितनी ही सुकुमार कलियों का होम हो जाता है। दहेज की इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए सरकार ने तो कानून भी बना रक्खा है। परन्तु उसका पालन?

दहेज के इस दानव से जूझने निकलती है एक औरत, ज्योती। विद्रोह का झंडा लेकर समाज के इस कोढ को खतम कर ने के लिए उसने इस दंभी समाज को जो आवाज लगायी। उसका परिणाम क्या हुआ?

इन सारे प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए देखिये "बिटिया चलल ससुराल"।
 

Cast

Crew