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Angaare (1954)

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दूर बहुत दूर हिमालया पर्वत की गोद में एक खुबसूरत घाटी थी जिसका हुकुमरान ज़ोजिला नाम का एक सरदार था। सब कुछ होने पर भी वो खुश न था क्योंकि उसके यहां कोई औलाद न थी। उसकी बीवी दिन रात भगवान से प्रार्थना करती। आखिरकार उसकी गोद हरी हुई, लेकिन बच्चा मरा हुआ था। दाईमा ने बेहोश रानी की जान बचानेके लिये ज़ोजिला के एक दोस्त की मदद से मरे हुए बच्चे को अपने एक रिश्तेदार गडरिया की लड़की से बदल दिया और ज़ोजिला का खबर तक न हुई। गडरिया मरे हुए बच्चे को घाटी पार फैंकने जा रहा था कि फिसल कर नीचे गहराइयों में गिर कर मर गया और बच्चा उसके हाथ से छूट कर अलग जा गिरा और उसमें जान आ गई। ये बच्चा सिंगोबा के हाथ लगा जो ज़ोजिला का जानी दुश्मान था।

सिमसी और राका अपने अपने घर परवरिश पाते रहे। सिमसी को घाटी पार जाने की इजाजत न थी। मगर एक रोज़ वो हवाखोरी करने उधर जा निकली और राका से उसकी मुलाकात हो गई। उमर के साथ साथ उनका मेल जोल और मोहब्बत खुफ़िया तौर से बढ़ने लगी। शादी के अहदो-पैमान के बाद एक रोज़ उन्होंने क़तई तौर पर शादी करने का फैसला कर लिया। मगर ज़ोजिला को इस राज़ का पता चल गया और उसने सिमसी को जान से मार डालने की धमकी दी और उसे बाहर जाने से रोक दिया। सिगोंबा के इन्तकाम की आग को ठँडा करने के लिये राका परेशानी की हालत में अपने हकीकी बाप ज़ोजिला को मार डालने के लिये रवाना हुआ। लेकिन वो पकड़ा गया और उसे ज़ोजिला ही के हुकुम से कोड़े लगवाये गये। दाई मां जो उस वक्त वहीं मौजूद थी मरे हुए बच्चे का पैदाईशी निशान राका के जिस्म पर देख कर दंग रह गई और फौरन सिंगोबा के पास पहुँच कर राका के ज़ोजिला का बेटा होने का राज़ फाश कर दिया।

सिगोंबा ने ज़ोजिला के बजाय अपना बदला राका से लेना चाहा लेकिन जिन हाथों ने राका को पाल पोस कर बड़ा किया था वो उसकी जान लेने के लिए न उठ सके और सिगोंबा ने राका को गले से लगा लिया। राका जो सब कुछ सुन चुका था सिगोंबा के मजबूर करने पर भी अपने हक़ीकी बाप के पास जाने से इन्कार कर दिया। सिगोंबा दुश्मनी भूल कर खुद ज़ोजिला के पास पहुँचा और राका और सिमसी की शादी कर देने के लिये उस से इलतजा की और ज़ोजिला को बताना चाहा कि राका उसीका बेटा है। लेकिन मगरूर ज़ोजिला कुछ सुनने के लिए तैयार न था।

इसलिये सिगोंबा को धक़्के देकर घर से निकाल दिया। ज़ोजिला ने सिमसी की शादी अपने एक दोस्त के लड़के से तय कर दी और उसी रात को ही राका ने सिमसी को उड़ा ले जानेका भी बन्दोबस्त कर लिया। लेकिन सिमसी की माँ को कुछ शुबह हुआ और वो सिमसी को मदहोश करके राका से मिलने पहुँच गई। माँ को सामने सवाली देखकर राका ने कसम खा ली कि सिमसी को वो फिर कभी नहीं देखेगा। लेकिन जब वो घर वापस आया तो सिमसी को मौजूद पाया। उसे वापस लौट जाने के लिए मजबूर किया लेकिन वो न मानी। आखिर वो खुद घर छोड़ कर चला गया। सिमसी ने उसका पीछा किया लेकिन बहुत दूर जाने न पाई थी कि अपने बाप को सामने खड़ा पाया।

ज़ोजिला सिमसी को घर तो ले आया लेकिन बारात लौटी जा रही थी क्योंकि उनको सिमसी के पाक दामन होने में शक़ था। सिमसी की शादी किस से हुई, राका से उसकी मोहब्बत का अंजाम क्या हुआ, माँ को खोया हुआ बेटा मिला या नहीं, सिगोंबाने अपना इन्तकाम क्यों कर लिया, ये सब पर्दे पर देखिये।

(From the official press booklet)

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