राबिन से तलाक लेकर सीमा अपने बेटे बाबी के साथ अपनी माँ के यहाँ रहने आ गयी। राबिन जब भी बाबी से मिलना चाहता तो हमेशा सीमा की माँ बीच में आ जाती थी।
स्कूल में गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू हो गयी तो राबिन बाबी को घुमाने हैदराबाद ले गया मगर वहाँ पुलिस दोनों के पीछे पड़ गयी। इसलिए कि सीमा ने राबिन के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। बाप-बेटे को अपना भेष बदलकर वहाँ से भागना पड़ा।
एक दिन राबिन बाबी को सैर कराने शहर ले गया तो वहाँ बाबी एक दुर्घटना में फँस गया।
राबिन ने अपनी जान जोखम में डालकर बाबी को बचा लिया। लेकिन अस्पताल में पड़ा बाबी बेहाशी की हालत में भी बार बार अपनी माँ की याद करता था।
तब राबिन ने महसूस किया कि बाबी सिर्फ बाप का प्यार नहीं बल्कि माँ के प्यार की भी जरूरत है। सीमा के पास आकर बाबी ने अपने पिता का ऐसा बखान किया कि वह बाबी को राबिन से मिलने लायी। तभी गलतफहमियाँ दूर हुई और बाबी को माँ बाप का समान पयार और संग-साथ फिर से मिल गया।
(From the officil press booklet)