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जयसिंह के लिये यह एक अजीब बात थी लोग एक घंटे की आवाज पर एक सूई के जिरए मौत के घात उतार दिये जाते और वह भी उसके पिता डा. अमरसिंह के सामने, डाक्टर के सामने जो पहली मृत्यू हुई वह एक देहाती था जिसके पास पत्थर की एक बड़ी सी आँख थी, वह कुछ कहने वाला ही था कि उसकी मृत्यू एक जहरीली सूई से हो गई, और दूसरी डाॅक्टर के एक दोस्त की जो इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं था।
इस दूसरी हत्या ने जय को इस बात पर तैयार कर दिया कि वह इस सूई के राज़ की खोज निकाले, और उसके भीतर जो भी हो उसे सख्त से सख्त सज़ा दे, वह अपने साथी ज्वालाप्रसाद के साथ इस मोहिम की तलाश में निकल पड़ा।
काफी कष्ट उठाने के बाद वह प्रिन्सेस साबा की हकूमत में आ पहुंचे, वहाँ की पूरी हकूमत उसके परदेसी वजीर "सरदार" के हाथ में थी, जय और उसका साथी सरकार के बनाए हुए कानून जो भी परदेसी यहाँ आए उसको देवता "यती पोंग" की भेंट चढ़ा दिया जाये, ज़्वाला किसी तरह छुपता हुआ मंदिर में जा पहुंचा और देवता की मूर्ति के पीछे छुप गया, जब जय को देवता की भेंट चढ़ा देने का हुक्म राजकुमारी ने दिया, तो ज्वाला देवता "यती पोंग" का बेटा बनकर आ पहुंचा, गांव के जंगली आदमियों ने उसे देवता का बेटा मान लिया, और इस तरह उसने अपने साथी जय की जान बचाई, और उस मोहिम को पूरा करने में बहुत मदद की।
जय देवता की भेंट होने से तो बच बया लेकिन राजकुमारी के तीरे नजर से न बच सका। और लोना एक लोना ही थी जिसने ज्वाला को देवता का बेटा बना दिया था, सरदार और शीरोम्बा (सरदार का जंगली साथी) अपने मकसद में नाकाम हुए, फिर वहीं रात का सन्नाटा घंटे की आवाज़ किसी का जय के कमरे में जाना और जय से जंग करना, सूई का मिलना एक के बाद एक वाकयात ऐसे बन गए कि जय को यकीन हो गया कि खूनी यहाँ पर ही है, लेकिन कौन? सरदार, राजकुमारी या शीरोम्बा?
लेकिन राजकुमारी ने उसे बताया कि उसके पास की चीज़ और कुछ नहीं देवता की आँख है, और इसमें खजाने का राज़ है जय समझ गया कि उसके शिकार यहाँ पर ही है और वह वोह है जिसके पास दूसरी आँख है।
यह कौन है? उसने दूसरी आँख हासिल करने के लिए और क्या तरकीब की?
राजकुमारी और जय की मुहब्बत का क्या हुआ? लोना और ज्वाला-देवता के बेटे ने इस गुथ्थी को सुलझाने में क्या क्या मदद की? यह सब राज़ आपको मालूम करने के लिए एक बार "प्रिन्सेस साबा" देखना पड़ेगा।
(From the official press booklet)