indian cinema heritage foundation

Matlabi Duniya (1961)

  • LanguageHindi
Share
14 views

आज की दुनिया "मतलबी दुनिया" है। यहाँ ऐसे लोग मौजूद हैं जो पैसे को ही ईश्वर समझते हैं। लाला फक्कड़मल उन्हीं में से एक है जो हमेशा दौलत की ही पूजा करते हैं। दूसरी तरफ सेठजी का लड़का गोपी गरीबों की सेवा तथा उनका दुख दूर करने की कोशिश कर अपने पिता के पापों का प्रच्छालन करता रहता है।

दस वर्ष पहिले सेठ जी के यहाँ एक गरीब किसान रामू अपनी लड़की की शादी के लिए दो हजार रुपया जमा कराता है।

सेठजी पैसों के लिये गोपी की शादी तय कर देते हैं लेकिन गोपी शादी को एक पवित्र रस्म मानता है, सौदा नहीं।

पैसा बुरी चीज है। इसके बारे में कभी-कभी इन्सान की नीयत बदल जाती है। इसी प्रकार रामू, जब कि उसकी लड़की की शादी होती है, रुपया माँगने आता है। सेठ जी इन्कार कर देते हैं। कैसा रुपया, कौनसा रुपया? रामू विक्षिप्त हो उठता है

कमला (रामू की लड़की) को गोपी बहिन बना लेते है और कमला गोपी को राखी बाँधती है।

सेठजी गोपी को अपनी राह पर चलने के लिए अनेक प्रयत्न करते हैं। क्या गोपी को अपनी भावनाओं का बलिदान करना पड़ा? एक ओर माता पिता का प्यार और एक ओर कर्तव्य इन दोनों का संघर्ष आप परदे पर देखिये।

(From the official press booklets)