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Loha (1997)

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  • Release Date1997
  • GenreAction
  • FormatColour
  • LanguageHindi
  • Run Time154 min
  • Length3878.75 Mts
  • Number of Reels17
  • Gauge35 mm
  • Censor RatingA
  • Censor Certificate Number5729
  • Certificate Date29/12/1996
  • Shooting LocationAVM Studio, Vijaya Vahin Studio, D RAma Naidu Studio
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इतीहास में यह लिखा हुआ कोई नहीं मिटा सकता के मुजरिमों ने जब भी कानून की धज्जीयां उड़ाने की कोशिश की इस देश की मिट्टी के रूप में वह लोहा पैदा कीया - जिसने कानून के दुश्मनों को पीस कर रख दिया।

ऐसा ही कानून की हिफाजत करने वाला शंकर (धर्मेन्द्र) भी है। जिसे अपनी जिंदगी से ज्यादा अपने देश और देश के कानून से प्यार है। वह अनजाम की चिंता किये बिना उन लोगों से टकराता रहता है - जो कानून की कमजोरियांे से फायदा उठा कर बे-गानाहों के खुन में जुर्म की रोटी भिगा कर खाते रहते है।

ऐसा ही खुंखार है - मुखाई का अन्डरवल्र्ड डॉन लुक्का (मोहन जोशी) और उसके साथी है - लला (रामी रेडी), इन्स्पेक्टर काले (इशरत अली), मंत्री रामदास (प्रमोद मोहतो) और मुन्ना मोबाईल (राजार खान)।

मुस्तुफा खान (शक्ति कपूर) ने लुक्का को हथीयार का धंदा करने से रोका- तो लुक्का ने उसके हाथ काट डाला-तांडीया ने जेल से निकाल कर लुक्का से दुश्मनी मोल ली तो उसे और उसकी बहेन को मार डाला गया। क्रांती कारी नेता ने गुन्डा गर्दी के खिलाफ आवाज उठाई तो भरेबाज़ार में उसकी भी लाश गिरा दी गई - यह सब देख कर शंकर ने लुक्का से बदला लेने का फैसला किया - इन्स्पेक्टर सुजाला (सुजाता मेहता) और पुलिस कमिशनर (किरन कुमार) ने भी शंकर का साथ देने का फैसला किया - और मुस्तुफा खान भी शंकर से मिल गया - और फिर हालात ने शंकर को अर्जुन (मिथुन चक्रवर्ती) से मिला दिया - जो के एक फौजी था कानून की रक्षा करते हुए उसकी पत्नी करिशमा (रमाईया) को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और जब अर्जुन ने अपनी पत्नी के कातिल और कानून के दुश्मन महाकाल (राजेश विवेक) को मौत के घाट उतार दिया तो कानून ने अर्जुन को 10 साल की सज़ा दे दी - सज़ा काट कर अर्जुन जब बाहर आया - तो पता चला के महाकाल तो अभी जिंदा है - और महाकाल की तलाश करते हुए अर्जुन शंकर से मिल बैठा - जुर्म सजा और इन्तेकाम के साथ जुड़ी हुई थी एक अनोखी प्रेम कहानी थी - मनीशा कोएराला और गोविंदा की जो आपस में एक दूसरे को बहुत चाहते थे - मगर मनीशा का बाप उन दोनों के बीच दीवार बन कर खड़ा था।

जुर्म के तुफान और कानून के रखवालों की जबरदस्त टक्कर ने मुरबाडे को हिला कर रख दिया. सड़कों पर लाशें गिरने लगे - लोग डर और दैहशत से कांपने लगे।

फिर क्या हुआ? क्या मुस्तुफा खान लुक्का से इन्तेकाम लेने में कामयाब हुआ - क्या अर्जुन असली कातिल को खत्म कर सका - क्या शंकर जुर्म की जंग को जीतने में कामयाब हुआ - मनीशा कोएराला की मोहब्बत कामयाब हुई, इन सारे सवालों का जवाब है जोकी फिल्मस् की रंगबिरंगी तस्वीर - "लोहा"... में देखिये.

[From the official press booklet]

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