indian cinema heritage foundation

Kuon Pardesi (1947)

Subscribe to read full article

This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.

Subscribe now

Not ready for a full subscription?

You can access this article for $2 + GST, and have it saved to your account for one year.

Pay Now
  • Release Date1947
  • GenreAdventure
  • FormatB-W
  • LanguageHindi
  • Censor RatingU
Share
32 views

सइय्यद आदिल शाह कि सालगिरह के मौके पर एक सौदागर बहबूब शाही दरबार में आता है और कुछ नायाब तोफ़े पेश करने की बादशाह से आज्ञा चाहता है, बादशाह सौदागर को इजाज़त दे देता है, सौदागर तोफ़े पेश करते हुये चन्द तस्वीरें भी पेश करता है, जिनको बादशाह क़बूल करने से इन्कार कर देता है, लेकिन सौदागर कि तस्वीरों में से एक तस्वीर पर शहज़ादे क़मर की निगाह पड़ जाती है, जिसको वो सौदागर से एक हज़ार अशर्फीयां देकर खरीद लेता है। और वो उस तस्वीर की सुन्दरी पर कुछ इस तरह आशिक हो जाता है के एक दिन वो अपने मित्र मुराद को अपने साथ लेकर उस तस्वीर की सुन्दरी कैकिसां की खोज में अपने माता पिता से शिकार का बहाना करके घर से निकल जाता है। और मन्ज़ीलब मन्ज़ील भटकता हुवा एक अधोरी की मदद से कैकिसां के बाग़ तक पहुँच जाता है। जहां उसे बाग़ की मालन हंसीना से मुलाक़ात होती है, जो शहज़ादे को शहज़ादी कैकिसां से उसी रात को उसकी बारादरी में मिला देती है, लेकिन कमनसीबी कैकिसां की मुलाकात की खबर बादशाह तक पहुंच जाती है, और वो शहजादे को गिरफ्तार कराके कत्ल करने का हुक्म दे देता है, लेकिन बादशाह का वजीर बादशाह को क़मर के कत्ल के बजाय मशवरा देता है कि शहजादा क़मर से एक तिलस्मी हीरा मेङ्गया जाय, अगर शहजादा हीरा ले जाये तो उसकी कैकिसां से शादी कर दी जाय, शहजादा तिलस्मी हीरे की खोज में निकलता है और एक जिन्न की मदद से तिलस्म शाह के मकान तक पहुंचता है, जहां उसकी लड़की गुल्नार से मुलाकात होती है जो शहज़ादा क़मर और उसके मित्र मुराद को तिलस्म गार तक पहुंचने का मस्वरा देती है, ये दोनों भटकते हुये और जंगलों की मुसीबते बर्दास्त करते हुये तिलस्म गार तक पहुंच जाते है, जहां इन दोनों की तिलस्म गार के सबसे बेड जिन्न से खूब जंग होती है, और वो कमाल शाह पर विजय पा लेते है, इसके बाद इन दोनों का क्या हाल होता है ये हमारे पर्दे पर मोलाहिजा फर्माये।

[From the official press booklet]