कामदिवानी एक ऐसी लडकी कामीनी की कहानी हैं। जिसका पालन पोषण उसके नौकरों के भरोसे होता हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि कामीनी गलत लडको की सगत मे पड़ कर आजाद जींदगी जीने की आदी हो जाती है। इसका अजाम यह होता है कि उसके (कामीनी) के जन्मदिन की पार्टी मे उसी को दोस्त उसका बलात्कार करते है। कामीनी मानसिक रुप से विक्षिप्त हो कर एक एक करके उसके बलात्कारी सुनील बक्षी, अशोक व महेन्द्र का खात्मा कर देती है।
इन तीनो बालात्कारियों की हत्या का केस सी.बी.आई. आफिसर नयना के हाथों में आता है। तहकीकात के दोरान नयना को अचंभित सुराग मिलता है। जिसे सुन कर बलात्कारि लड़कों के पिता मदन खेडा, मुजीब एवं अनील नागरथ के पैरो तले जमीन खिसक जाती है। और अन्त में सच्चा आशिक राजेश साबीत होता है। यही राजेश कामीनी की जिंदगी मे खुशियॉ लाता है।
राजेश कौन था?
ऐसी कौनसी सच्चाई थी जिसे सुन कर मदन खेडा, मुजिब और अनिल नागरथ के पैरो तले जमीन खिसक जाती है?
सी.बी.आई. आफिसर नयना ने यह केस कैसे हल किया?
इन सब सवालों के जवाब पाने के लिये एम.एस. फिल्म इन्टरनेशनल की फिचर फिल्म कामदिवानी देखिये।
[From the official press booklets]