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एक ही कालेज में पढ़ने वाले श्याम व राधा एक सहपाठिनी की शादी में ’जीजा-साली’ की छेड़खानी के बाद एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। काॅलेज की ही एक लड़की आरती भी मन ही मन श्याम को चाहती है। किन्तु श्याम केवल राधा से ही प्यार करता है। एक दिन राधा, आरती व श्याम को काफी नजदीक देख कर श्याम पर शक कर बैठती है। और शहर छोड़ कर माँ के साथ चली जाती है। जाते समय टेªन एक्सीडेंट में माँ की मृत्यु हो जाती है। श्याम राधा को खोजता है, इसी दौरान श्याम को एक्सीडेंट हो जाता है। आरती श्याम की देखभाल करती है। राधा के न मिलने व पिता के समझाने तथा मजबूर करने पर श्याम आरती से शादी कर लेता है।
राधा को श्याम की शादी का पता चलता है। राधा का शक सच में बदल जाता है। श्याम की शादी की सुहागरात के दिन राधा श्याम द्वारा दी हुई प्यार की निशानी ओढ़नी व कंगन आरती को भेंट दे जाती है। व अपनी सहेली को श्याम (जीजाजी) से शादी की मुबारकबाद दे जाती है।
श्याम राधा का पता चलने पर परेशान हो जाता है। लेकिन अपने दोस्त के समझाने पर राधा से नहीं मिलता।
राधा को संसार के विरक्ति हो जाती है। अपनी सारी सम्पत्ति धर्मार्थ दान करके शहर से चली जाती है और आत्महत्या करने के लिये नदी में कूद जाती है।
श्याम व आरती बेटी के जन्म के बाद अपने जीवन से खुश है। आरती का भाई अब्दुल जिसे बचपन से आरती की माँ ने अपना दूध पिला कर पाला पोसा है एक पुलिस इंस्पेक्टर है।
काॅलेज की पुरानी दुश्मनी के कारण धर्म सिंह आरती का अपहरण कर लेता है। एन वक्त पर अब्दुल अपनी बहन को अपनी जान देकर बचा लेता है। बेटी पूजा को स्कूल छोड़ने जाते समय दुर्घटना में आरती की मृत्यु हो जाती है। अंतिम संस्कार के बाद अस्थि-विसर्जन के समय मंदिर में श्याम को राधा मिल जाती है। दोनों का आमना सामना होता है। क्या राधा श्याम को मिल जाती है? श्याम राधा को अपनाता है? बच्ची राधा को मां मान लेती है? यह जानने के लिये देखिये “जीजा-साली”।
[From the official press booklet]