"एक चोर एक हसीना" की कहानी एक ऐसे चोर की कहानी है जो उन बदमाशों के खिलाफ़ आवाज़ उठाता है, जो समाज में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। उन बदमाशों के लिये कृष्णा चोर बहुत बड़ा सरदर्द बन जाता है क्योंकि उनकी कोई योजना सफल नहीं हो पाती। इसी दौर में कृष्णा की मुलाकात एक करोड़पति की बेटी देवी से होती है, जिसके संपर्क में आकर कृष्णा एकदम बदल जाता है और नये सिरे से एक नई जिन्दगी देवी के सहयोग से बिताने की कोशिश करता है। बदमाशों का गिरोह हर तरह से उसके कार्य में बाधक बनता है। उनके हर षडयंत्र का मुकाबला करते हुए कृष्णा को पता चलता है कि उसकी माँ जीवित है और इन्हीं बदमाशों की वजह से जेल में है। कृष्णा अपनी माँ से मिलने के लिये बेचैन हो जाता है। और प्रतिज्ञा करता है कि वो इन बदमाशों का खात्मा करके अपनी माँ को जेल से छुड़ा कर समाज के सामने उसे निर्दोर्ष साबित करेगा।
किस प्रकार कृष्णा ने देवी के साथ मिलकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी की परदे पर देखिये।
(From the official press booklet)