F.A. Picture International के बैनर तले इस म्यूज़िकल फिल्म की कहानी एक हिंदु लड़के और एक कुस्लिम लड़की की खामोश प्रेम कहानी है जो धार्मिक दंगे का शिकार हो जाते हैं। राहुल एक हिंदु लड़का है जो अहमदाबाद से किसी छोटे शहर में काम के सिलसिले में आया हुआ है और अपने पिता के बचपन के दोस्त अनिल शर्मा के घर पर ठहरा हुआ है। अनिल शर्मा की एक बेटी है मेघना जो राहुल को पसंद करती है। मेघना के मम्मी, पापा भी इस जोड़ी को पसंद करते हैं। राहुल इन सब बातों से बेखबर है। इन्हीं दिनों अनिल शर्मा के एक पुराने मुस्लिम दोस्त इमरान जाफरी भी जो संयोगवश अहमदनगर से ही हैं किसी काम से अपनी बेटी के साथ इसी शहर में आते हैं। इमरान जाफरी की बेटी मेघना की दोस्त है इसलिए इमरान जाफरी अनिल शर्मा के ज़िद करने पर अपनी बेटी सवीन को उनके घर छोड़ने को राज़ी हो जाते हैं और खुद अहमदाबाद लौट रहा है। सवीन को भी यहाँ रहते हुए काफी वक्त हो चुका है इस वजह से इमरान जाफरी, अनिल शर्मा से गुज़ारिश करते हैं कि सवीन को जल्दी से जल्दी भेज दें और उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी अगर सवीन, राहुल के साथ वापस आए। राहुल, सवीन के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक्त बिताने कि चाहत में सवीन को ट्रेन से चलने के लिए मना लेता है। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजुर था। ट्रेन 'गोधरा काँड' का शिकार हो जाती है। यहाँ से तो वे किसी तरह बच निकलते हैं पर गोधरा काँड के फलस्वरूप भड़की मज़हबी दंगे कि आग उन्हें आखिरकार निगल लेती है।
(From the official press booklets)