अमीर घरानो के मासूम बच्चो को अगुवा कर, फिरौती की मोटी रकम वसूलना, अजमेरा का फलता फूलता धंधा है। अजमेरा के इस गुनाह में, उसका दाहिना हाथ, शक्ति एक गठीले बदन का आकर्षक नौजवान है। सोना एक हसीन बला है जो क्लबों में नाचती फिरती है। कुछ गुंडे उससे कुकर्म करने के लिये सोना को उठाना चाहते हैं। शक्ति उसकी रक्षा करता है। सोनाके दिल में शक्ति की सूरत उतर कर, प्रेम मूर्ति बन जाती है। नाना, शहर का
एक नगर सेवक है जिसका काम गटर सेवक का है। उसकी भी एक टोली है जो नापाक़ धंधों में लगी रहती है। अजमेरा के कहने पर शक्ति, एक रात, सागर नाम के मासूम बच्चे का अपहरण करता है। सागर, श्रीमती सीमा ग्रेवालकी इकलौती संतान है। सागर के पिता, विदेश में रहकर अपार दौलत कमा रहे हैं। शक्ति एक करोड़ की फिरौती माँगता है। संयोग से क्राइम ब्रांच का इन्सपेक्टर अभय श्रीमती सीमा ग्रेवाल का भाई है और सागर का मामा भी है वो सागर को बदमाशो के चंगुल से छुड़ाने के लिये अपनी जान की बाज़ी लगा देता है। वह इस गुनाह को जड़से उखाड़ फेंकने की शपथ लेता है।
सोना को जब शक्ति की असलियत का पता चलता है तब वह अपने प्रेम की सौगंध देकर शकित को गुनाह की दुनिया से तौबा करने को कहती है। किन शक्ति मजबूर है। एक तरफ अजमेरा और दूसरी तरफ उसका प्यार सोना।
वह दुविधामें हैं। सोना की मासूम अदायें, शक्ति के मन को कुरेदने लगती हैं। सोना का प्यार, सागर की भोली भाली मनमोहक, हृदय स्पर्शी हरकतें शक्ति के दिल में हाहाकार मचाने लगती हैं।
सागर का चाचा विक्रान्त, नाना के दलसे मिलकर सागर को खत्म करवाना चाहता है। नाना और अजमेरा में सौदा होता है। विक्रान्त की इस गंदी चाल को शक्ति भाँप लेता है। अब शक्ति हर क़ीमत पर सागर की जान बचायेगा। उसे उसकी माँ की गोद में वापस पहुंचायेगा। शक्ति में इस बदलाव को देखकर, अजमेरा, नाना और विक्रान्त एक हो जाते हैं। वे सभी मिलकर अब शक्ति को मारना चाहते हैं। उधर इस्पेक्टर अभय की दबिश बदस्तूर जारी है।
क्या अजमेरा नाना और विक्रान्त शक्ति को मार सके?
क्या शक्ति सागर को उसकी माँ के पास पहुंचा सका?
क्या इन्सपेक्टर अभय अपनी मुहिम में कामयाब हुआ?
रूपहले पर्दे पर देखिये।