काळी बचपन में अपनी माँ से बिछुड़कर जंगळ में जानवरों के बीच बड़ा होता है।
उसकी माँ वसुंधरा और पिता भूदेव ने अनपढ़ और मेहनती गाँव वाळों में जागृति पेदा करने का बीड़ा उठाया। जंगळ में रहनेवाळे भोळे-भाळे ळोगों से उनकी सब्जियाँ और फळ मिट्टी के मोळ खरीदनेवाळे और चोरी से जंगळी जानवरों को मारकर खाळ का व्यापार करनेवाळे अभय राठौर ने उनके मनसूबों पर पानी फेरने की कोशिश की।
भूदेव को कत्ळ के केस में उमर कैद की सजा हो गयी है गुंडो से बचने की कोशिश में वसुंधरा काळी से बिछुड़ गई।
जानवरों को और एक फारेस्ट अफसर को मारने के जुर्म में पुलिस काळी को पकड़ ळेती है। जंगळ में पळा काळी बोळ नहीं पाता।
वसुंधरा को सबूत मिळ जाता है कि काळी ही उसका खोया हुआ बेटा है।
क्या वह अपने बेटे को समझा पाई कि वह उसकी माँ है?
काळी अपने दुश्मनों से बदळा ळेने में सफळ हुआ या नहीं?
इन सवाळों का जवाब आपको देगा रजतपट।
(From the official press booklet)