भगवान ने खुदरत में दो तरह के आदमियों को बनाये-वह है अपने जिन्दगी के साथ दूसरों के जिन्दगी का भी खयाल रखने वाले आदमी और अपने जिन्दगी के लिए दूसरों के जिन्दगी को बरबाद करने वाले आदिमी. कनवरलाल पहली तरह के आदमी है. उसके जीवन का मकसद था कानून के विरूद्ध काम करने वालों को कानून के हवाले करना. अपनी जिन्दगी को जिस आदमी ने बरबाद किया था उसे पकड़के कानून के हवाले करने के लिए तड़प रहा था ! एक बार संध्या नाम के औरत ने उसका उपकार किया और जब संध्या के जीवन में मुसीबत आने लगे तो उसकी प्रत्युपकार करने वाले महान था.
इस दुनिया में पैसा ही परमात्मा है. उसे पानी के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं. अपने स्वार्थ के लिए दूसरों के जिन्दगी को बरबाद करने वाले आदमी था. सूरज प्रकाश. कनवरलाल सूरज का पहला दुश्मन था. कनवरलाल को खतम करने के लिए सूरज ने सब कुछ किया लेकिन अंत में उसे कानून के सामने सर झुकाना ही पड़ा।
संध्या एक ऐसी औरत थी जो इन्साफ के जीत देखने लिए अपने पती को भी कानून के सामने खड़ा किया. जब इन्साफ के हार होने वाला था तब उसने बड़ी हिम्मत के साथ इन्साफ को जीतते हुए देखलिया.
ये कैसे हुआ? यह जानने के लिए कनवरलाल देखिए.
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