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Continueयह कहानी मुन्नीबाई और पुतलीबाई नाम की दो लड़की है जो अपने आपको फिल्म शोले के जय व बिरू समझती है और उन्हीकी तरह आपस में दोस्ती है। हालात एक दिन उनको रामगड पहुँचा देती है। जहाँ पर डाकु गोवरीया का आतंक फैला हुआ है। उनका जुर्म देखकर दोनों गोवरीयां से मुकाबला करने की ठान लेती है। फिर मुन्नीबाई और पुतलीबाई की गोवरीया से जबरदस्त टक्कर होती है और जंग के शोले भडक उठते है। फिर जंग का अंजाम क्या हुआ? क्या गाँववालों को गोवरीयां के आतंक से मुक्ती मिली? मुन्नीबाई और पुतलीबाई अपने मकसद में कामयाब हुई? यह सब जानने के लिए देखिए पाली फिल्म्स कृत “जंग के शोले”।
[From the official press booklet]