दूर बहुत दूर हिमालया पर्वत की गोद में एक खुबसूरत घाटी थी जिसका हुकुमरान ज़ोजीला नाम का एक सरदार था। सब कुछ होने पर भी वो खुश न था क्योंकि उसके यहाँ कोई औलाद न थी। उसकी बीवी दिन रात भगवान से प्रार्थना करती। आखिरकार उसकी गोद हरी हुई, लेकिन बच्चा मरा हुआ था। दाईमां ने बेहोश रानी की जान बचाने क लिए ज़ोजीला के एक दोस्त की मदद से मरे हुए बच्चे को अपने एक रिश्तेदार गडरिये की लड़की से बदल दिया और ज़ोजीला को खबर तक न हुई। गडरिया मरे हुए बच्चे को घाटी पर फैंकने जा रहा था कि फिसल कर नीचे गहराइयों में गिर कर मर गया और बच्चा उसके हाथ से छूट कर अलग जा गिरा और उसमें जान आ गई। ये बच्चा सिंगोबा के हाथ लगा जो ज़ोजीला का जानी दुश्मन था।
सिमसी और राका अपने अपने घर परवरिश पाते रहे। सिमसी को घाटी पार जाने की इजाज़त न थी। मगर एक रोज़ वो हवाखोरी करने उधर जा निकली और राका से उसकी मुलाकात हो गई। अमर के साथ साथ उनका मेल जोल और मोहब्बत खुफ़िया तौर से बढ़ने लगी। शादी के अहदो-पैमान के बाद एक रोज़ उन्होंने क़तई तौर पर शादी करने का फैसला कर लिया। मगर ज़ोजीला को इस राज़ का पता चल गया और उसने सिमसी को जान से मार डालने की धमकी दी और उसे बाहर जाने से रोक दिया। सिगोंबा के इन्तकाम की आग को ठंडा करने के लिये राका परेशानी की हालत में अपने हकीकी बाप ज़ोजीला को मार डालने के लिये रवाना हुआ। लेकिन वो पकड़ा गया और उसे ज़ोजीला ही के हुकुम से कोड़े लगवाये गये। दाई मां जो उस वक्त वहीं मौजूद थी मरे हुए बच्चे का पैदाईशी निशान राका के जिस्म पर देख कर दंग रह गई और फौरन सिंगोबा के पास पहुँच कर राका के ज़ोजीला का बेटा होने का राज़ फाश कर दिया।
सिंगोबा ने ज़ोजीला के बजाय अपना बदला राका से लेना चाहा लेकिन जिन हाथों ने राका को पाल पोस कर बड़ा किया था वो उसकी जान लेने के लिए न उठ सके और सिंगोबा ने राका को गले से लगा लिया। राका जो सब कुछ सुन चुका था सिंगोबा के मजबूर करने पर भी अपने हक़ीकी बाप के पास जाने से इन्कार कर दिया। सिंगोबा दुश्मनी भूल कर खुद ज़ोजीला के पास पहुँचा और राका और सिमसी की शादी कर देने के लिए उससे इलतजा की और ज़ोजीला कुछ सुनने के लिए तैयार न था। इसलिए सिंगोबा को धक्के देकर घर से निकाल दिया। ज़ोजीला ने सिमसी की शादी अपने एक दोस्त के लड़के से तय कर दी और उसी रात को ही राका ने सिमसी को उड़ा ले जाने का भी बन्दोबस्त कर लिया। लेकिन सिमसी की माँ को कुछ शुबह हुआ और वो सिमसी को मदहोश करके राका से मिलने बहुँच गई। माँ को सामने सवाली देखकर राका ने कसम खाली कि सिमसी को वो फिर कभी नहीं देखेगा। लेकिन जब वो घर वापस आया तो सिमसी को मौजूद पाया। उसे वापस लौट जाने के लिये मजबूर किया लेकिन वो न मानी। आखिर वो खुद घर छोड़ कर चला गया। सिमसी ने उसका पीछा किया लेकिन बहुत दूर जाने न पाई थी कि अपने बाप को सामने खड़ा पाया। ज़ोजीला सिमसी को घर तो ले आया लेकिन बारात लौटी जा रही थी क्योंकि उनको सिमसी के पाक दामन होने में शक़ था।
सिमसी की शादी किससे हुई?
राका से उसकी मोहब्बत का अंजाम क्या हुआ?
माँ को खोया हुआ बेटा मिला या नहीं?
सिंगोबा ने अपना इन्तकाम क्यों कर लिया?
ये सब पर्दे पर देखिये।