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Continueबचपन के खेल खूद में अशोक की किसी शरारत की वजह से उसकी बहेन रूपा अन्धी हो गई थी और अशोक इस दुर्घटना को भूल न सका-उसके जीवन की सब से बड़ी इच्छा यह थी कि किसी तरह से एक दिन वह पन्द्रह हजार रूपया कमाए और रूपा की आंखों का आपरेशन करवाए और रूपा की आंखों की रोशनी लौट आए।
मगर अशोक एक गरीब कलाकार था पन्द्रह हजार रूपए का प्रबन्ध करना उसके लिए असम्भव था--एक धनवान औरत सरोजनी देवी की तीन नवासियां थी। तीनों सिरफिरी और गुमराह-सरोजनी देवी को इन लड़कियों के भविष्य की बहुत चिन्ता थी। उसे डर था कि कहीं यह लड़कियां कोई गलत कदम उठा कर अपना जीवन बरबाद न कर बैठे। प्रेम की शादी का तजुरबा सरोजनी देवी की सगी बहेन को ले डूबा था इसीलिए सरोजनी देवी अपनी नवासियों की देखभाल और रक्षा के लिए एक ऐसे नवयुवक की खोज में थी जो उन्हें प्रेम की भूल भुलाइयों से निकाल कर सीधे रास्ते पर ले आए।
सरोजनी देवी ने इस काम के लिए अशेक को चुना। अशोक को रूपा की आंखों के आपरेशन के लिए रूपयों की आवश्यकता थी - अशोक ने फौरन यह नौकरी स्वीकार कर ली। काम कठिन था लेकिन अशोक बहुत जल्दी इन लड़कियों को सीधे रास्ते पर ले आया।
इसी टाइम में अशोक और सबसे बड़ी घमन्डी लड़की आशा एक दूसरे को दिल दे बैठे। अब आशा अंग्रेजी कपड़ों को भूल कर अशोक के कहने पर हिन्दुस्तानी कपड़े पहेने लगी उसका यह बदलता हुआ जीवन देखकर सरोजनी देवी को बड़ी प्रसन्नता हुई मगर जब उसने आशा की आंखों में अशोक के लिए प्रेम देखा तो वह आग बबूला हो गई। अशोक आखिर एक नौकर था सरोजनी देवी को यह बात बुरी लगी और अशोक घर से निकाल दिया गया।
अशोक अपने घर गया-रूपा वहां नहीं थी। वह रो उठा उसको पता चला कि प्राण नाम के एक नवयुवक ने अन्धी रूपा के साथ बलात्कार किया था इसलिए रूपा ने नदी में कूद कर जान दे दी।
अशोक के हृदय में बदले की आग भड़क उठी-रूपा हर रोज भागवान की पूजा करती थी-अशोक और अपनी होने वाली भाभी के लिए प्रार्थना करती थी।
रूपा की यह दशा देख कर अशोक के दिल से भगवान का भरोसा उठ गया और भगवान की मूर्ती के सामने उसने प्रतिज्ञा की कि वह अपनी अन्धी बहेन का दबला लेगा।
भाई बहेन कैसे मिले?
अन्याईयों का सर कैसे कुचला गया?
अशोक और आशा का मिलन हुआ या नहीं?
सरोजनी देवी के नौकर और अशोक के दोस्त महेश ने कैसे अशोक की मदद की, यह सब कुछ देखने और जानने के लिए प्रमोद फिल्मस की रंगीन फिल्म “तुमसे अच्छा कौन है” देखिए।
(From the official press booklet)