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Lady Robinhood (1959)

  • Release Date1959
  • GenreDrama
  • FormatB-W
  • LanguageHindi
  • Run Time123 mins
  • Length3637.48 meters
  • Gauge35 mm
  • Censor RatingU
  • Censor Certificate NumberU-28370-MUM
  • Certificate Date05/10/1959
  • Shooting LocationCentral Studios and Shreekant Studios
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घायल दीवान अजीतसिंह ने अपनी बेटी की गोद में प्राण देते हुए कहा- "भगवान तुम्हें बेटा बनाता तो तुम बहादुर राबिन हुड की भांति महामंत्री विक्राल से बाप का बदला ले सकता - महाराज को बचा सकता - प्रजा की सेवा कर सकता" - बेटी की आखों में ख्ूान उतर आया उसके सामने रानी झांसी और चांदबीबी की वीरता की कहानी घूम गई - उसने बापकी कमान उठाकर प्रतिज्ञा की कि वह सत्य के लिये लड़़ेगी - महाराज को बचायेगी प्रजा की सेवा करेगी न ज़ुल्म रहने देगी न ज़ालिम।

महामंत्री विक्राल की आंखें राजकुमारी और राज्य दोनों पर थीं - सैनापति, किलेदार तथा खज़ानची को राज्य में हिससा देने का लालच देकर साथ मिला लिया। महाराज को बन्दी करके चार चाबियों वाला एक खास ताला लगाकर चाबियां चारों विद्रोहीयों ने आपस में बांट लीं। विक्राल की पिशाचिता से प्रजा भयभीत हो गई थी। उधर लेडी राबिन हुड विक्राल और उसके साथियों के लिये मृत्यु और दुखियों के लिये जीवन का संदेस बन गई थी।

लेडी राबिन हुड चाबियां लेकर महाराज को छुड़ाना चाहती थी - विक्राल चाबियां लेकर खुद महाराज बनना चाहता था - परन्तु चाबियां सबके लिए उलझन बनी हुई थीं। किलेदार ने चाबी जमीन में गाड़ दी खजानची की चाबी मछली के पेट में गई, विक्राल ने दोनों को बन्दी बना दिया - सैनापति अपनी चाबी राजकुमारी को देने गया तो मरवा दिया गया। विक्राल के सभी दाव सीधे पड़ रहे थे, पर एक लेडी पकड़ में न आती थी विक्राल का अन्तिम षड़यंत्र उसे (लेडी) एक गरीब की बेटी के विवाह पर बुलाकर घेरने में सफल हो गया।

फिर क्या हुआ - क्या लेडी पकड़ी गई? चाबियां कौन ले गया? महाराज का क्या हुआ?

यह सब रजतपट पर देखिये।

[From the official press booklet]

Cast

Crew