जन्म से पहले पिछले जन्म की नही इसी जन्म की कहानी है। यह कहानी है किशन की जिसने तीन कतल किये है, यह कहानी है गीता की जो किशन की वकीले सफ़ाई है, यह कहानी है उस भावना की जिसने किशन से कतल करवाये। पूनम का चांद और एक खास किस्म का संगीत किशन के दिमाग पर ऐसा असर करते थे कि किशन बे काबू हो जाता था, उसे कुछ चेहरे दिखाई देते थे - तो नैगेटिव होते थे और उस पर हमला करते थे - डाक्टर वर्मा से इलाज करवा के किशन ने उन चेहरों को पोजटिव बना लिया - और एक कागज पर उतार लिया दर असल चेहरे पांच थे, मगर पांचवा अन्धेरे में था इसलिए साफ़ दिखाई नही दिया, जब किशन ने इन चेहरों को तलाश करना शुरू किया, तब उस पता चला की चार में से एक तो मर चुका है, बाकी तीन को उसने मार दिया - मगर मारने के बाद भी वो यह नहीं जान पाया कि उसने इन तीनों को क्यूं मारा।... गीता के बार-बार पूछने पर भी वो कुछ नहीं बता सका। गीता ने अपने तौर पर जब छान-बीन शुरू की तब उसे किशन की कहानी का पता चला। किशन की कहानी ’मां’ के पेट में शरीर के अन्दर प्राण आने और बच्चे के मां के पेट से बाहिर के बीच के समय की कहानी है।
किशन की मां का अपहरण करके उसके साथ पांच व्यक्तियों ने बलात्कार किया था ये वोही पांच व्यक्ति थे जिसमें से तीन का कत्ल किशन कर चुका था, एक अपनी मौत मर चुका था और पांचवा व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि फैसला सुनानेवाला जज था जिसपर किशन ने हमला किया। हालांकि जज ने गुमराह करने के लिए एक हमशकल व्यक्ति कोर्ट में हाजिर किया था, लेकिन गीता ने उसे बेनकाब कर दिया था। इस ’समय’ में क्या हुआ था जानने के लिए देखिए।
[From the official press booklet]