यह कहानी एक इमानदार पुलिस पदाधिकारी की है प्रभाकर (शत्रुघ्न सिन्हा) हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलता है, वह अपनी इमानदारी से लोगों के बीच सत्यवादी बना हुआ है। लोग उसे इंटरनैशनल दरोगा के नाम से जानते हैं। एक दिन प्रभाकर को काली पाण्डे (श्क्ति कपूर) से कुछ बकझक होती है। काली पाण्डे एक राज्य नेता से कह कर उसकी बदली मनोहपुर करवा देता है।
प्रभाकर मनोहपुर आता है। उसे यह पता चलता है कि सूरज सिंह (राकेश जैसवाल) ठेकादारी के धन्धे को कृष्णा (मनोज तिवारी) नाम का अपराधी ने आग लगा कर जला दिया। प्रभाकर पुलिस स्टेशन पहुँचकर कृष्णा की फाईल देखता है। कृष्णा के ऊपर पहले से कुछ मुकदमा, बैंक डकैती, लूटपाट एवं मारपीट दर्ज था।
प्रभाकर कृष्णा को गिरफ्तार कर लेता है और उससे पुलिस स्टेशन लाकर काफरी टाॅर्चर करता है। अंत में यह पता चलता है कि कृष्णा इमानदार व्यक्ति है, वह लोगों के भलाई के लिए यह सब काम किया था। प्रभाकर गलानी पहसूस करता है तथा कृष्णा से जाकर साॅरी बोलता है। साथ में हमेशा यह धैर्य देता है कि मैं मुम्हें सच्चाई के मार्ग में हमेशा साथ दूँगा। कृष्णा अपनी कहानी प्रभाकर का बताता है। प्रभाकर उसे गंभिरता से लेता है।
लेकिन इस जदोजहद में कृष्णा का प्याार का क्या होता है?
प्रभाकर कृष्णा को कैसे मदद करता है?
इस रहस्य को जानने के लिए जरूर देखें रूपेले पर्दे पर “इंटरनैशनल दरोगा”।
[From the official press booklet]