जंजीरा “हबालू” के लोगों को कुदरत की तरफ से पेशीन गोई थी, कि उन पर हकूमत करनेवाले पचासवें बादशाह को लाफानी ताकत अता हो गई, और (दुनियां) की कोई ताकत उसे नहीं जीत सकती।
सलाकस एक मुद्दत से “हबालू” का पचासवाँ बादशाह बनने का खाब देख रहा था और जैसे ही “हबालू” की मलिक़ा ने पचासवें बादशह को जन्म दिया, सलाकस ने “हबालू” पर हमला कर दिया। मालिका को कैद कर दिया गया, मगर इससे पहले ही मलिका ने दीवान से मिलकर किसी भी तरह अपने मासूम बच्चे को पानी में बहा दिया, ताकि वो जिन्दा रहे और एक दिन दुबारा अपनी ताकत से बादशाहत को हासिल कर सके।
सलाकस दिन रात उस बच्चे की तलाश में परेशान रहने लगा, मगर वो मासूम बच्चा “राका” के नाम से गाँव की बस्ती के लोगों में पला, बढ़ा और जवान हो गया। उसकी ताकत को तमाम गाँव वाले लोहा मानते थे।
शीबा बस्ती की सबसे असीन कली थी और शिबा का बाप बागियों का सरदार, बागियों का सर कुचलने के लिए एक दिन सलाकस ने गाँव पर हल्ला बोल दिया। मगर सरदार तो उसके हाथ न आया। हाथ आई शिबा, शिबा के हुस्न के, रकस के चर्चे सलाकस एक मुद्दत से सुन रहा था। वह उसे अपने साथ महल में ले आया। मगर रास्ते में ही उसकी मुलाकात राका से हो गई। जिसकी बहादुरी देखकर सलाकस सहम उठा। उसने राका को भी महल में चलने को दावत दी, जिसे राका से पहले उसके जिगरी दोस्त “फाका” ने मंजूर कर लिया।
सलाकस को यकीन हो चला था कि राका ही “हबालू” का गुमशुदा पचासवाँ बादशाह है, उसने हर तकरीब से उसे खत्म करने की कोशिश की, मगर उसका कोई जादू, कोई चाल राका पर असर नहीं कर सकी। आशिर उसने हार कर जादुनगरी की “सलोमी” से कदद मांगी। के वे किसी तरह राका को खत्म कर सेक। इधर महल में जब राका ने शिबा की दर्द भरी दास्तान सुनी। तो वह उसे महल से लेकर निकल गया। और सलाकस ने शिबा की तलाश में जमीन आसमान एक कर दिया।
शिबा और राका की मुहब्बत परवान चढ़ने लगी, कि जादूनगरी की सलोमी ने सलाकस के सामने तजबीज रखी कि अगर किसी तरह राका जादूनगरी के दरवाजे के अन्दर आ जाय तो वो उसको ताकत पर काबू पा सकती है। एक दिन सलाकस के आदमी शिबा को उठाकर ले गये और जब राका शिबा की तलाश में महल पहुँचा तो सलाकस ने तैखाने के रास्ते उसे जादूनगरी तक पहुँचा दिया, मगर सलोमी राका को देखते ही सब कुछ भूल गई।
शिबा मुसीबतें सहती हुई जादूनगरी पहुँची। मगर राका अपनी याददाश्त खो बैठा था। बड़ी मुश्किल से शिबा उसकी याददाश्त वापस लाने में कामयाब हुई। कगर सलोमी को पता चल गया, उसने अपने जादू के जोर से राका की ताकत को खत्म कर दिया और उसे सलाकस के हवाले कर दिया। अब वो एक मामूली इन्सान था।
क्या सलाकस राका को खत्म कर सका?
क्या राका की ताकत उसे दुबारा मिल सकी?
क्या शिबा की मुहब्बत कामयाब हुई?
क्या पिछड़े हुए माँ-बेटे मिल सके?
इन तमाम बातों का तो आपको “बादशाह” को पर्दायेसीमो पर देखने के बाद ही मिल सकेगा।