"औरत तेरी यही कहानी" सावित्री की कहानी हैं। सावित्री की सौतेली माँ है चम्पा। सौतेला भाई है केतन और अपाहिज पिता है- धनराज।
सावित्री घर का काम भी करती है और खेत में मज़दूरी भी। दिन रात मेहनत करके वो अकेली सारा घर सम्भालती है।
सावित्री का प्यार उसीके साथ खेत में मज़दूरी करने वाले एक मज़दूर सत्यवान से है। लेकिन दोनों के प्यार के बीच में आ जाता है गाँव का बूढ़ा ठाकूर हरबंस। वह चम्पा से मिलकर एक ऐसा चक्रब्यूह रचता है कि सावित्री उसमें फँस कर रह जाती है।
अपने प्यार को भूलकर सावित्री को हरबंस से विवाह करना पड़ता है। किन्तु सुहाग रात को ही नाग के डसने से हरबंस की मृत्यू हो जाती है।
विधवा होने के बाद भी सावित्री का दुर्भाग्य उसे सुख की साँस नहीं लेने देता हरबंस का छोटा भाई बलवन्त उसे अपनी वासना का शिकार बनाना चाहता है।
हरबंस और बलवन्त की माँ बड़ी ठकुराइन अपनी हवेली में इतना बड़ा अनर्थ होते नहीं देख सकती। वह सत्यवान को हवेली में लेकर आती है ताकि वह सावित्री को लेकर कहीं चला जाए, लेकिन सावित्री उससे पहले ही हवेली छोड़कर जा चुकी है।
सावित्री मौत को गले लगाना चाहती है, लेकिन मौत भी उसे ठुकरा देती है। उसका दुर्भाग्य उसे मन्दिर से अनाथाश्रम और अनाथाश्रम से कोठे पर लेकर जाता है।
धनराज को जब मालूम होता है कि उसकी बेटी कोठे पे मुजरा करती है तो शोक क्रोध और ग्लानि से पागल हो जाता है। लेकिन कोठे की नायिका जमनाबाई धनराज को विश्वास दिलाती है कि कोठे पे रहकर भी सावित्री गंगा के समान पवित्र है। धनराज के ये कहने पर कि कौन सावित्री की पवित्रता पे विश्वास करेगा, सत्यवान आकर कहता है कि मुझे अपनी सावित्री की पवित्रता पे विश्वास है।
सावित्री और सत्यवान का विवाह है।
किन्तु दुर्भाग्य फिर भी सावित्री का पीछा नहीं छोड़ता।
बलवन्त आकर लग्न मण्डप से सावित्री को उठाकर ले जाता है। ठकुराइन आकर बलवन्त को गोली मार देती है।
नाग आकर सत्यवान को डस लेता है।
नाग ने ही एक बार पहले उसके बूढ़े पति को डसकर उसे विधवा बनाया था। नाग ने ही फिर उसके सुहाग को डस लिया।
नाग से सावित्री की क्या दुश्मनी थी?
क्या सत्यवान को डसने वाला नाग भी वही नाग था, जिसने ठाकुर हरबंस को डसा था?
सत्यवान बच गया या सावित्री को एक बार फिर विधवा बनना पड़ा।
यह और इसी प्रकार के अनेक प्रश्नों के उत्तर जानने के लिये देखिये... राधिका फिल्मस् का अनोखा, अनुठा रंगीन चित्र "औरत तेरी यही कहानी"।
(From the official press booklet)