अँगूर की मिठास इन्सान को एक नई जिंदगी देती है। मगर जब वही इन्सान अँगूर की मजबूरी को शराब बना कर पीता है - वो अँगूर उस की नस नस में कड़वाहट का ज़हेर भर देता है।
सपना भी अँगूर की तरह एक मीठी प्यारी लड़की थी। माँ-बाप के मरने के बाद वह अपनी छोटी बहेन कामनी के लिये हर कुर्बानी देने को तैयार रहती थी। सपना चाहती थी - के उसकी बहन पढ़-लिख कर कोई उंची पोस्ट पर पहुंच जाय। तो उसकी शादी कर दे।
सपना के भी अपने सपने थे - सपना थी किसी अच्छे लड़के से शादी करके अपना घर बसाना चाहती थी। मगर कामनी ही सपना के सपनों की दुश्मन बन गई - जिस कामनी के लिये सपना ने अपने सपने तोड़ डाले - कामनी की पढ़ाई पूरी करने के लिये एक बड़ी उमर के करोड़ पती से शादी कर ली - मगर कामनी ही उस की जिंदगी में ज़हेर घोलने लगी - और जब बात हद से आगे बढ़ गई - तो सपना ने भी अपना रंग बदल डाला - अँगूर की तरह जिंदगी देने वाली मौत बन कर दुश्मनों को उनके अन्जाम तक पहुंचाने लगी।
मगर कामनी का अन्जाम क्या हुआ?
यह जानने के लिये देखीये पाली फिल्मस् कृत "अँगूर"।
(From the official press booklet)